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अगस्त, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी की जीवनी।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद पूरा नाम "अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन" एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार के साथ एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। निजी जीवन: मौलाना अबुल कलाम जी का जन्म सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था,  उनका ताल्लुक अफग़ान उलेमाओं के ख़ानदान से है जो बाबर के समय हेरात से भारत आ गए थे। उनकी माता जी एक अरबी थीं और उनके पिता जी मोहम्मद खैरुद्दीन एक फारसी (ईरानी, नृजातीया) थे।  उनके पिता मोहम्मद खैरुद्दीन पूरे उनके परिवार के साथ पहले भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के समय 1857 में कलकत्ता छोड़ कर मक्का चले गए थे। वहाँ पर मोहम्मद खॅरूद्दीन की मुलाकात अपनी होने वाली पत्नी से हुई। इन सबके बाद मोहम्मद खैरूद्दीन 1890 में भारत लौट आए थे। मौहम्मद खैरूद्दीन को कलकत्ता में एक मुस्लिम मौलाना विद्वान के रूप में शोहरत मिली। जब  अबुल कलाम आज़ाद सिर्फ 11 साल के थे तब उनकी माता जी का देहांत हो गया था। उनकी आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से हुई थी। घर पर या मस्ज़िद में उन्हें उनके पिता तथा बाद में अन्य विद्वानों ने हो पढ़ाया था। इस्लामी शिक्षा के अलावा उन्हे...

योगी आदित्यनाथ, उम्र, पत्नी, परिवार, राजनीति, विवाद, बायोग्राफी

एक भारतीय हिंदू साधु और साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजनीतिज्ञ हैं, योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 से उत्तर प्रदेश के 21वें और वर्तमान (2024) मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश केबिटीहस में वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले 5 साल से ज़्यादा समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का श्रेय संपूर्णानंद जी को जाता है, संपूर्णानंद जी 6 साल तक मुख्यमंत्री रहे थे जिनको पिछे छोड़ कर उनसे ज़्यादा समय से अपना कार्यकाल चला रहे हैं। योगी आदित्यनाथ साल 2022 से उत्तर प्रदेश विधान सभा में गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं और 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। योगी आदित्यनाथ साल 1998 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व संसद सदस्य भी रह चुके हैं। विधानसभा के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था। पुराना नाम: अजय सिंह बिष्ट जन्म: 5 जून 1972  उम्र 52 साल (2024 तक)... धार्मिक जीवन: संन्यासी विवाह: हिन्दू धर्म के अनुसार सन्यासी विवाह नहीं करत...

मार्टिन कूपर, दुनियां का पहला मोबाईल फोन, आविष्कार, पत्नी, संघर्ष, पुरुष्कार, संपति, बच्चे, बायोग्राफी,

मार्टिन कूपर एक बहुत ही प्रसिद्ध अमेरिकी इंजीनियर हैं, जिन्हें दुनियां का पहला मोबाइल फोन के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ही पहली बार साल 1973 में एक पोर्टेबल सेलुलर टेलीफोन का प्रदर्शन दुनियां के सामने किया था। उनका जीवन, संघर्ष, लगन, मेहनत, और काबिलियत का एक अनोखा संगम है। जीवन में कुछ नया कर दिखाने वालों की बात ही अलग होती है, ऐसे लोग अक्सर वो सोचते हैं जो आम लोग सपने में भी सोच न सके। महत्वप्पूर्ण जानकारियां: जन्म: 26 दिसंबर 1928 उम्र: 95 साल (2024) तक... जन्म स्थान: शिकागो, इलिनॉय, अमेरिका शिक्षा: इलिनॉय इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और मास्टर की डिग्री प्राप्त की। मार्टिन कूपर का प्रारंभिक जीवन कैसा था: मार्टिन कूपर का प्रारंभिक जीवन कई सारी कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा हुआ था, फिर भी वो अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर इतनी ऊंचाइयों को छूने में कामयाब रहे। पत्नी और बच्चे: मार्टिन कूपर की पत्नी का नाम "एरलीन हैरिस" है, जो खुद भी एक प्रसिद्ध उद्यमी और वायरलेस उद्योग में अग्रणी हैं। उनके बच्चों की संख्या और उनके बारे में को...

Masai Russell, उम्र, हाइट, वज़न, पेशा, जीवन साथी, उपलब्धियां, विकी, Biography

मसाई रसेल (Masai Russell) एक अमेरिकी एथलीट हैं जो हर्डलिंग (Hurdling) खेल के लिए जानी जाती हैं। इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और ज़बरदस्त प्रदर्शन के माध्यम से एथलेटिक्स की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। व्यक्तिगत जानकारी : पूरा नाम: मसाई रसेल जन्म तिथि: 28 जून 2000 जन्म स्थान: अमेरिका राष्ट्रीयता: अमेरिकी शारीरिक माप: हाइट: लगभग 5 फीट 9 इंच (लगभग 175 सेमी) वजन: लगभग 60 किलोग्राम (लगभग 132 पाउंड) प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:   मसाई रसेल बचपन से ही खेलों में रुचि रखती थी, और उन्होंने जल्दी ही अपने खे की रुचि को करियर में बदलने का फैसला कर लिया था। उन्होंने सही समय पर अपनी तेज गति और एथलेटिक कौशल का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। मसाई ने अमेरिका में अपनी शिक्षा पूरी की है और अपनी एथलेटिक करियर के साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा है था।  पेशेवर करियर का विवरण: मसाई रसेल ने हर्डलिंग में अपने करियर की शुरुआत की थी और जल्द ही इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर ली। वह अपनी तेज गति और अनोखी तकनीक के लिए जानी जाती हैं। वह अपने करियर में कई प्रतिस्पर्धाओं (कॉम्पिटिशन) में हिस्सा ले चुकी हैं और कई प...

महान स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव थापर जी की जीवनी।

सुखदेव थापर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे जिन्होंने "भगत सिंह" और राजगुरु जी" के साथ मिल कर "लाला लाजपत राय" जी पाए पर अंग्रेज़ों द्वारा लाठीचार्ज करने और उसी कारण उनकी मृत्यु का बदला लिया था। प्रारंभिक जीवन: सुखदेव थापर जी का जन्म पंजाब के शहर लुधियाना में 15 मैं 1907 को हुआ था। इनके पिता जी का नाम रामलाल थापर और माता जी का नाम श्रीमती रल्ली देवी था। जन्म से तीन महीने पहले ही पिता जी का स्वर्गवास हो जाने के कारण इनके ताऊ अचिन्तराम जी ने इनका पालन पोषण करने में इनकी माता जी को हर सहुलत पंहोचाई। सुखदेव की तायी जी ने भी इन्हें अपने बेटे को  तरह पाला है। इन्होने भगत सिंह जी को मार्गदर्शन किया था। इन्होने ही लाला लाजपत राय जी से मिलकर "चंद्रशेखर आजाद" जी से मिलने कि इच्छा जाहिर कि थी, यह चंद्रशेखर आज़ाद जी से बहुत प्रभावित थे, और इनके दिल में देश की आज़ादी के लिए कुछ कर दिखाने का जज़्बा था। उन्हें भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च साल 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया था, भरी जवानी में अपने देश की खातिर इन तीनों दोस्तों ने अपनी जान...

भानू अथैया जी की जीवनी। Biography of Bhanu Athaiyya

भानु अथैया एक ऐसा नाम जिन्होंने सबसे पहला ऑस्कर अवॉर्ड जीता है। यह भारतीय सिनेमा की पहली ऑस्कर विजेता कॉस्ट्यूम डिजाइनर हैं। उनका जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के ज़िला कोल्हापुर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में भारतीय सिनेमा और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किए और उनके नाम कई प्रतिष्ठित पुरस्कार दर्ज हुए हैं। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: भानु अथैया जी का पूरा नाम "भानुमती अन्नासाहेब राजोपाध्ये" था। इनका जन्म एक मराठी परिवार में हुआ है, इन्हें बचपन से ही कला और डिजाइनिंग में बहुत रुचि थी। "उन्होंने मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट"  से अपनी शिक्षा प्राप्त की है, जहां से उन्होंने पेंटिंग और अन्य कला विषयों में शिक्षा हासिल की, उन्हे इन विषयों में इतना लगाव था की वो हर समय कुछ नया और अनोखा करने की प्लानिंग करती रहतीं। करियर की शुरुआत: भानु अथैया जी का करियर साल 1950 के दशक में शुरू हुआ था, जब उन्होंने "गुरुदत्त जी" की फिल्म  "CID" (1956) के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किया था। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण और बड़ी फिल्मों में काम किया...

भारत की पहली मिस वर्ल्ड रीता फारिया पॉवेल की जीवनी।

रीता फारिया पॉवेल भारत के इतिहास में एक ऐसा नाम जिसने सबसे पहले मिस वर्ल्ड का खिताब जीता है, और साथ ही पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है। • रीता फारिया पॉवेल भारतीय और एशियाई मूल की महिला हैं जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है। वर्ल्ड होने के बावजूद उन्होंने चिकित्सा शास्त्र में विशेषज्ञता हासिल की और समाज को अपनी सेवाएं प्रदान की है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: इनका जन्म मुंबई में साल 1945 में हुआ है और इन्होने साल 1966 में मिस वर्ल्ड का टाइटिल जीता है। इन्होने एक साल में मॉ‌डलिंग की ऊंचाइयों को छूने के बाद ही डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की और इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाया।  • मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने से पहले रीता फारिया पॉवेल मिस बॉम्बे (आज का मुंबई) का खिताब अपने नाम कर चुकी थीं। इसके बाद उन्होंने साल 1966 में "Eve’s weekly Miss India contest" में हिस्सा लिया और बतौर भारत और एशिया की पहली मिस वर्ल्ड का खिताब अपने नाम कर दिखाया। • उन्होने मुंबई स्थित "ग्रांट मेडिकल कॉलेज" और "सर जमशेदजी जीजाबाई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल" से एम बी बी एस में स्नातक किया है।  ...

महान शायर मुनव्वर राणा जी की जीवनी। Biography of Munawar Rana

मुनव्वर राणा एक प्रसिद्ध भारतीय उर्दू कवि हैं, जो अपनी शायरी और ग़ज़ल के लिए पूरी दुनिया जाने जाते हैं। उनका जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। प्रारंभिक जीवन: मुनव्वर राणा का परिवार अपनी पारिवारिक समस्याओं के कारण बहुत पहले ही उत्तर प्रदेश से कोलकाता चला गया था। उन्होंने अपने जीवन के प्रारंभिक वर्ष कोलकाता में ही बिताए हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने के कारण उन्हें अपने जीवन में बहुत ज़्यादा संघर्ष करना पड़ा है। हालांकि इन संघर्षों ने ही उन्हें एक सशक्त कवि बनाया है। साहित्यिक यात्रा: मुनव्वर राणा ने अपनी शायरी के माध्यम से आम जनता के दर्द और भावनाओं को ताकत और आवाज़ दी है। उन्होंने खास कर अपनी शायरी में देशभक्ति, सांप्रदायिक सौहार्द, और सामाजिक न्याय जैसे विषयों को उठाया है। मुनव्वर राणा की शायरी उर्दू भाषा में होते हुए भी इतनी सरल होती है की जो लोग उर्दू भाषा को ठीक से नही समझते हैं वो भी उनकी शायरी को आसानी से समझ लेते हैं, उनकी शायरी आम लोगों के दिलों को छूती है। उन्होंने देश विदेश के कई मुशायरों में अपनी शायरी के माध्यम लोगों का दिल ...

कॉमेडी के बादशाह राजपाल यादव जी की जीवनी! Biography of comedy king Rajpal Yadav

राजपाल यादव बहुत ही प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता और कॉमेडियन हैं, जो हिंदी फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक छोटे से गाँव "कुंदरा" में हुआ था। राजपाल यादव का सफर एक साधारण ग्रामीण जीवन से लेकर बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता तक का रहा है, ये सफर इतना आसान नही था, लेकिन राजपाल यादव की लगन, मेहनत, और अदाकारी ने उन्हे फर्श से अर्श तक पहोंचा दिया। प्रारंभिक जीवन: राजपाल यादव ने अपने प्रारंभिक अध्ययन को जैसे तैसे पूरा किए। शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने अभिनय के करियर में अपनी आगे की ज़िंदगी गुजारने का फैसला किया ।भारतेंदु नाट्य अकादमी जो लखनऊ में है वहा से उन्हों अभिनय की शिक्षा लेना शुरू किया, इसके बाद उन्होंने "नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा" (NSD) दिल्ली से प्रशिक्षण (Training) प्राप्त किया। व्यक्तिगत जीवन: राजपाल यादव जी की पत्नी का नाम राधा यादव है, उनके दो बच्चे हैं। उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने करियर को आगे बढ़ाना जारी रखा, और अपनी कड़ी मेहनत क...

फील्ड एथलीट नीरज चोपड़ा की जीवनी, Biography

नीरज चोपड़ा जी का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक छोटे से गाँव खांद्रा में एक किसान रोड़ समुदाय में हुआ था। नीरज के परिवार में इनके पिता "सतीश कुमार" पेशे से एक छोटे किसान हैं और इनकी माता "सरोज देवी" एक गृहणी (HouseWife) है। •  यह ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है| अभिनव बिंद्रा जी के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप (World Championship) स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।  प्रारंभिक जीवन: जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब ही आ चुकी थी जब ये केवल 11 साल के थे, नीरज हमेशा पानीपत स्टेडियम में "जय चौधरी"  को प्रैक्टिस करते हुए देखा करते थे।  नीरज चोपड़ा की शिक्षा: इन्होने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा' से ही की है। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहां से उन्होंने ग्रेजुएशन ...

महिला पहलवान विनेश फोगाट की जीवनी। Biography of Women wrestler Vinesh Phogaat

विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले के बलाली गाँव में पहलवानों के परिवार में हुआ था। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश फोगाट भारत की पहली महिला पहलवान हैं।  • वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीत कर विनेस फोगाट टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाइ करने वाली पहली पहलवान बनीं थी। • भारतीय रेलवे के साथ कार्यरत "युवा रेसलर" ने 2019 में प्रतिष्ठित लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय बनीं थीं। भारत सरकार ने कुश्ती में उनके ज़बरदस्त प्रदर्शन को देख उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया है। व्यक्तिगत जीवन: उन्होंने अपने चाचा "महावीर सिंह फोगाट" से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। महावीर फोगाट प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच और महिला पहलवानों गीता और बबीता फोगाट के पिता हैं।  विनेश फोगाट के पिता राजपाल की मौत तब हो चुकी थी, जब वह बहुत छोटी थीं, असल में उनके पिता की हत्या कर दी गई थी। चाचा महावीर और उनकी माता जी  जिनका नाम "प्रेमलता" है, दोनो को ही लड़कियों की कुश्ती औ...

पत्रकार अजीत अंजुम जी की जीवनी। Biography of Ajit Anjum

अजीत अंजुम जी का जन्म 7 अप्रैल 1969 को बिहार के बेगूसराय जिले में हुआ था। उन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बेगूसराय और दरभंगा में हासिल करने के बाद बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध लंगट सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर से ग्रेजुएशन पूरा किया। अजीत अंजुम के पिता जी का नाम  रामसागर प्रसाद सिंह है, उनके पिता बिहार न्यायिक सेवा से संबद्ध थे और पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी पत्नी का नाम गीताश्री है। अजीत अंजुम  ने पत्रकारिता की शुरुआत मुजफ्फरपुर में अध्ययन के दौरान ही कर दी थी। पाटलिपुत्र टाइम्स के लिए मुफस्सिल संवाददाता के रुप में लेख लिखते हुए इन्होंने अपना नाम 'अजीत कुमार' से बदलकर अजीत अंजुम कर लिया था। पटना में फ्रीलांसिग करते हुए अजीत अंजुम ने मुंबई और दिल्ली से प्रकाशित होने वाले धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान और रविवार में लिखते हुए अपनी कलम को धार देना शुरू किया था। अजीत अंजुम सन् 1989 में पत्रकारिता में और सफलता हासिल करके के लिए दिल्ली चले गए, लंबे और कड़े संघर्ष के बाद 'अमर उजाला' में डेस्क पर इनको नियुक्ति मिल गई। बाद में 'चौथी...

विकास दिव्यकीर्ति जी की जीवनी। Biography of Vikas Divykirti

विकास दिव्यकीर्ति की का जन्म 26 दिसंबर 1973 को हरियाणा के भिवानी में हुआ था। विकास एक पूर्व सिविल सेवक , शिक्षक, लेखक, व्याख्याता, और यूट्यूबर हैं। साथ ही हिंदी फिल्मों के लेखक भी हैं। •   विकास दिव्यकीर्ति केंद्रीय सचिवालय सेवा के सदस्य थे और वर्तमान में दिल्ली स्थित यूपीएससी कोचिंग संस्थान, दृष्टि आईएएस  (Drishti IAS) संस्थान के उद्यमी (Entrepreneur) और कोचिंग प्रमुख हैं । प्रारंभिक जीवन: विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हिंदी माध्यम से पूरी की है। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में वाणिज्य स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की है। हालाँकि, बाद में उन्होंने अपनी स्ट्रीम बदल ली और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से इतिहास में कला स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री के लिए अध्ययन किया, ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज में पहले साल में दूसरा स्थान हासिल कर लिया और फिर अपने अंतिम वर्ष में हिंदू कॉलेज, दिल्ली चले गए, जहाँ उन्होंने अंततः 1995 में कला में स्नातकोत्तर उपाधि प्र...

हंसी के बादशाह जॉनी लीवर की जीवनी। Biography of comedy king Johnny Lever

"जॉनी लीवर" हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है। थिएटर हो या घर के टीवी इनकी एंट्री से लोग खुशी से झूम जाते हैं। जॉनी लीवर का जन्म 14 अगस्त 1960 को आंध्रप्रदेश के प्रकाशम ज़िले में हुआ था, बचपन में इनका नाम जॉन प्रकाश राव जनुमाला रखा गया था, लेकिन आज इन्हे लोग जॉनी लीवर के नाम से जानते हैं। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा : भले ही इनका जन्म आंध्रप्रदेश में हुआ था लेकिन इनकी पूरी ज़िंदगी मुंबई में गुज़री है, इनका बचपन मुंबई के धारावी इलाके मे गुज़रा, कई बार जॉनी लीवर अपने बचपन को याद करके बताते हैं कि किस तरह उस समय धारावी में गुंडागर्दी होती थी, हर तरफ अपराध होते थे, उनके आस पास अपराधी लोग रहा करते थे, उन्होंने बचपन में ही अपनी आंखों से वो सब देख लिया था जो हर कोई देखना नही चाहता,  •  जॉनी लीवर के पिता जी हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम करते थे, परिवार की माली हालत ज़्यादा अच्छी नहीं थी इस लिए इन्हें भी काम करना पड़ा, यह भी हिंदुस्तान लीवर में काम करने लगे, उस कंपनी में काम तो ये मजबूरी में कर रहे थे असल में इन्हें फिल्मी सितारों की ...