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अवध ओझा सर की जीवनी। Biography of Awadh Ojha sir

भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC की तैयारी करवाने वाले और उम्मीदवारों (Aspirants) को इतिहास (History) पढ़ाने वाले अवध ओझा सर" इनका पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है।
अवध ओझा सर की जीवनी। jivni.in
परिवार:

अवध ओझा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िला के एक गांव में ओझा परिवार में 3 जुलाई 1984 को हुआ था। इनके पिता जी का नाम श्रीमाता प्रसाद ओझा हैं, उनके पिता गोंडा के ही एक पोस्ट ऑफिस में पोस्ट मास्टर की नौकरी करते थे। श्रीमाता प्रसाद ओझा जी ने अपनी पत्नी यानी की अवध ओझा सर की माता जी को वकालत की पढ़ाई करवाए, अपने पति द्वारा मिले सम्मान और बलिदान के बदले ओझा सर की माता जी ने अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी कर वकालत के पेशे में आ गई, और एक अच्छी वकील की तरह कार्य करती रहीं।

बचपन का दौर:

अवध ओझा सर, पढ़ाई के समय एक ऐसे स्टूडेंट थे जिनसे उनकी टीचर और प्रिंसिपल परेशान रहा करते थे क्यों की आए दिन उनकी शरारत की शिकायतें उनके पास पहोंच जाती थी, ओझा सर के पिता बहुत ही शांत मिजाज़ के वेयक्ति हैं उन्होंने कभी भी ओझा सर की शिकायोतों के बदले उन्हें डांटा या मारा नही, बल्कि वो उन्हें बड़े ही प्यार से समझाया करते थे, दुनिया की असल हकीकत से रुबरु करवाया करते थे। वहीं उनकी माता जी शिकायत सुनते ही पिटाई कर दिया करती थी। 

विवादों में भी रहे हैं:

TRS HINDI PODCAST, और The LALLANTOP को इंटरव्यू देते समय उन्होंने खुद बताया की जवानी के समय उन्होंने बहुत मारपीट की है। लड़ाई झगड़ा करना और गुंडे मिजाज़  के लोगों से इनकी अच्छी दोस्ती रही है। इनके ऊपर मुकद्दमा भी चला है, जिसे इनकी माता जी ने खतम करवाया था। 

ग्रेजुएशन के बाद का सफर:

अवध ओझा जी की पढ़ाई गोंडा में ही हुई है। 10वीं के बाद उन्होंने फातिमा इंटर कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की और अपना ग्रेजुएशक पूरा किया।

इनके माता पिता का सपना था की एक दिन उनका बेटा IAS OFFICER बने। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद इन्हें दिल्ली भेज दिया गया। दिल्ली जाने के बाद ये पूरी लगन से आईएएस की तैयार में लग गए। प्रीलियम्स के लगभग सभी exam's को सफलतापूर्वक पास करने के बाद मेंस में न फेल हो गए। यहीं से इनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। 

अवध ओझा जी का परिवार: 1 मई 2007 को इन्होने मंजारी ओझा से विवाह कर लिया। इनकी 3 बेटियां हैं उनके नाम इस प्रकार हैं (पिलु, बुलबुल और गुनगुन)।

करियर की शुरुआत:

UPSC मेंस में फेल होने के बाद वो काफी परेशान रहने लगे, आगे आने वाली जिंदगी को कैसे सुधारा और गुज़ारा जाए इन सवालों में खोए रहने लगे, एक दिन उन्होंने अपने एक दोस्त को फोन किया जिनका इलाहाबाद आज के समय प्रयागराज में एक कोचिंग सेंटर है। उनके दोस्त ने उन्हें अपने पास बुलाया और बच्चों को पढ़ाने को कहा। शुरू शुरू के दिनों में अवध ओझा सर बच्चों को पढ़ाने में भी नाकामयाब रहे, क्योंकि उनके पढ़ाने का तरीका बच्चों को पसंद नही आ रहा था। इन सब बातों को देख कर वो खुद वहा से चले गए।

•  इसके बाद उन्होंने खुद पर काम करना शुरू किया, खुद के अंदर की कमियों को तलाश करते करते उन्हें समझ आया की बच्चों को किस तरह पढ़ाना चाहिए।

उन्होंने फिर से बच्चों को पढ़ाना शुरू किया लेकिन इस बार उनका पढ़ाने का तरीका बिलकुल अलग था, अबकी बार वो एक क्रांतिकारी अंदाज़ में सबके सामने आए। धीरे धीरे सबको उनका अंदाज़ पसंद आने लगा।

•  अवध ओझा इतिहास के साथ साथ बेहतर ज़िंदगी जीना और मुश्किओं का सामना किस तरह किया जाए भी सिखाते हैं। ऐसे हजारों लोग हैं जो न तो स्टूडेंट है और न ही टीचर फिर भी इंटरनेट पर ओझा सर की वीडियो देखते  और एक दूसरे को शेयर करते हैं।

अवध ओझा सर की जीवनी। jivni.in

दुनिया के सामने ऐसे हुई इनकी पहचान:

अवध ओझा सर ने YouTube पर साल 2020 में एक चैनल बनाया जिसका नाम RAY Awadh Ojha है।

इस चैनल की वजह से आज उन्हें पूरे भारत में देखा और जाना जाता है। उनके चैनल पर अपलोड की गई वीडियो को लोग अपने अलग अलग सोशल मीडिया प्रोफाईल पर भी अपलोड करते हैं। इस पर एक बार मज़ाक मज़ाक में ओझा सर ने उन सब को ऐसा न करने को भी कहा था।

यूट्यूब के इलावा इनका अपना एक मोबाइल ऐप भी है जिसका नाम Awadh Ojha है। इसके साथ ही वो IQRA IAS के संस्थापक भी है।

•  अपना कोचिंग सेंटर और यूट्यूब चैनल शुरू करने से पहले वो दिल्ली के कई कोचिंग सेंटर में पढ़ा चुके हैं जिनके नाम इस प्रकार है, "चाणक्य आईएएस एकैडमी", "एबीसी एकैडमी ऑफ सिविल", "वाजीराम रवि आईएएस एकैडमी"।

•  आज हमे अवध ओझा सर को देख कर ये समझ में आता है की हालात कैसे भी हो कभी हार नही माननी चाहिए, और सबसे पहले खुद की गलतियों को समझना, उनको सुधारना ही एक सफल इंसान की पहचान है।

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